नई दिल्लीः दिल्ली की तिहाड़ जेल के 90 से अधिक कर्मचारियों का गुरुवार को तबादला कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। तिहाड़ जेल के अंदर गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की एक कथित विरोधी गैंग के सदस्यों द्वारा हत्या किए जाने के बाद बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक डीजी संजय बेनीवाल ने डिप्टी सुपरिटेंडेंट, असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट, चीफ वार्डर और वार्डर सहित 99 कर्मचारियों के तबादले के आदेश दिए हैं। आने वाले कुछ दिनों में और अधिक कर्मचारियों के तबादले होने का अनुमान है। तिहाड़ जेल के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार ताजपुरिया हत्याकांड को प्रशासन ने गंभीरता से लिया। जेल प्रशासन ने सुव्यवस्थित करने और जमीनी स्तर पर बदलाव की आवश्यकता भी महसूस की गई। जेल अधिकारी ने कहा कि यह कदम एक मजबूत संदेश देने के लिए उठाया गया है कि कर्तव्यों का पालन करने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दें पिछले हफ्ते गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की जेल के अंदर हत्या कर दी गई थी। हत्या कथित रूप से गोगी गिरोह के 4 बदमाशों ने की थी। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुआ है जिसमें गोगी गिरोह के सदस्य सुरक्षाकर्मियों के सामने ताजपुरिया पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
तिहाड़ जेल से दो और कैदी गिरफ्तार
उधर, टिल्लू ताजपुरिया की जेल में हत्या के मामले में तिहाड़ जेल से दो और कैदियों को गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार को दी जानकारी में अधिकारियों ने बताया कि चवन्नी और अत्तर रहमान के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी भी तिहाड़ की जेल नंबर आठ में बंद थे। बता दें टिल्लू पर हमला कर उसकी हत्या करने वाले चार बदमाश भी जेल नंबर 8 में ही बंद थे। लोकल गैंगस्टर चवन्नी मारपीट के साथ-साथ कुछ मामलों में भी शामिल रहा है, जबकि रहमान गुजरात से अपहरण के एक मामले में दोषी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रहमान ने कथित तौर पर चार हमलावरों को हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों से छुटकारा दिलाने में मदद की थी, जबकि चवन्नी ने दो मई को हुई घटना के दौरान सीसीटीवी कैमरे को चादर से ढक दिया था। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने ताजपुरिया की हत्या करने के लिए देसी हथियारों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने बताया कि हथियार भी जब्त कर लिए गए हैं।
तिहाड़ में खाने की होगी औचक जांच, HC ने बनाई समिति
दूसरी ओर, दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में कैदियों को खाने के लिए परोसे जाने वाले भोजन, बैठने की जगह और कैंटीन में साफ-सफाई की जांच के लिए सरप्राइज इंस्पेक्शन का निर्देश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने एक समिति बनाई है। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने समिति को निर्देश दिया कि वह कैदियों को दिए जाने वाले तीन वक्त के खाने की प्रकृति और कैंटीन में मौजूद खाने-पीने के चीजों के बारे में पूरे ब्यौरे के साथ अपनी रिपोर्ट दे। कोर्ट ने दो कैदियों की ओर से दायर याचिका पर यह निर्देश पारित किया। इनमें से कैदी का नाम गीता अरोड़ा है, जो कभी सोनू पंजाबन के नाम से अपराध की दुनिया में मशहूर रही और अब गुनहगार के तौर पर सजा काट रही है। याचिका में जेल सुपरिटेंडेंट को निर्देश देने की मांग की गई कि सभी कैदियों के लिए उचित भोजन की सुविधा मुहैया कराई जाए। याचिकाकर्ताओं के कहे मुताबिक, जेल नियमों में आहार की मात्रा और पोषण निर्धारित है, लेकिन तिहाड़ जेल में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। नतीजतन, कैदियों के शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।